S.D. Human Development, Research & Training Center | श्रीमद्भगवद्गीता के सप्तदश अध्याय पर आधारित राजसिक-वृत्ति व्यक्तित्व परीक्षण श्रीमद्भगवद्गीता के सप्तदश अध्याय पर आधारित राजसिक-वृत्ति व्यक्तित्व परीक्षण | S.D. Human Development, Research & Training Center
सनातन धर्म मानव विकास शोध एवम् प्रशिक्षण केन्द्र
Sanatan Dharma Human Development, Research & Training Center
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  • Punjabi University, Patiala
  • Guru Nanak Girls College, Santpura, Yamunanagar
  • D.A.V. College For Girls, Yamunanagar
  • Mata Sundri Khalsa Girls College – Nissing, Karnal
  • D.A.V. College, Pehowa
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श्रीमद्भगवद्गीता के सप्तदश अध्याय पर आधारित राजसिक-वृत्ति व्यक्तित्व परीक्षण

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1. यक्ष को पूजता हूँ। (यक्ष)
2. राक्षसों को पूजता हूँ। (रक्षांसि)
3. कडवा भोजन पसन्द है। (कटु)
4. खट्टा आहार पसन्द है। (अम्ल)
5. अधिक नमकीन भोजन पसन्द है। (लवण)
6. अति गरम भोजन पसन्द है। (अत्युष्ण)
7. तीखा भोजन पसन्द है। (तीक्ष्ण)
8. रूखा भोजन पसन्द है। (रूक्ष)
9. जलन पैदा करने वाला भोजन पसन्द है। (विदाहिनः)
10. दुःख,चिन्ता तथा रोगों से युक्त भोजन करता हूँ। (दुःखशोककामयप्रदाः)
11. केवल दम्भाचरण के लिए यज्ञ करता हूँ। (दम्भार्थम्)
12. फ़ल का उद्देश्य रखकर यज्ञ करता हूँ। (अभिसंधाय तु फ़लम्)
13. सत्कार,मान और पूजा के लिए तप करता हूँ। (सत्कारमानपूजार्थम्)
14. दम्भ के साथ तप करता हूँ। (दम्भेन)
15. अनिश्चित फ़ल वाला तप करता हूँ। (अध्रुवम्)
16. क्षणिक फ़ल वाला तप करता हूँ। (चलम्)
17. प्रत्युपकार के लिए दान करता हूँ। (प्रत्युपकारार्थ)
18. फ़ल के उद्देश्य से दान देता हूँ। (फ़लमुद्दिश्य)
19. क्लेशपूर्वक दान देता हूँ ।(परिक्लिष्टम्)
20. अश्रद्धा से हवन,दान,तप करता हूँ। (अश्रद्धया हुतं दत्तं तपस्तप्तं)