EMERGING THREATS TO EARTH
दिनाङ्क 05 जून 2018 को वेदव्यास संस्कृत की पुनः संस्कृत योजना के अधीन विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में एस डी आदर्श संस्कृत कालेज एवं संस्कॄत विभाग, एस डी एच डी रि एण्ड टी सेण्टर, एस डी कालेज, अम्बाला छावनी द्वारा “पृथिवी के लिए उभरते भय – संस्कृतज्ञों, अर्थशास्त्रियों एवं वैज्ञानिकों के प्रतिसम्वेदन EMERGING THREATS TO EARTH – SANSKRTISTS’, ECONOMISTS’ & SCIENTISTS’ RESPONSE विषय पर विद्वत्परिचर्चा का अयोजन हरियाणा संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष डा० सोमेश्वर दत्त की अध्यक्षता में किया गया। परिचर्चा का संचालन प्राचार्य डा०विष्णु दत्त द्वारा डा. जयप्रकाश गुप्त, डा. श्यामनाथ झा, डा. जोगेंद्र, डा. गौरव शर्मा, श्री अनिल मित्तल,श्री बी डी थापर तथा अन्य लोगों के सहयोग से करते हुए यह स्वीकार किया गया कि पृथिवी को सबसे अधिक भय मनुष्य से ही है। जीवन पृथिवी पर ही सम्भव है लेकिन विज्ञान के दुष्प्रयोग और अर्थव्यवस्था के निर्मर्यादित उपभोग ने सघन चक्रक दोष उत्पन्न कर दिया है जिससे मनुष्य जीवन और पृथिवी दोनों का भविष्य सुरक्षित और आवश्वस्त नहीं किया जा सकता। हो सकता है बुद्धिजीवी एक और नई पृथिवी के निर्माण का विचार मनुष्यता को बेच दें। पृथिवी के प्रति कृतज्ञता के अभाव में मनुष्य पर्यावरण के साथ अनाचार तो करेगा ही। सम्वेदनशील शिक्षा के अभाव में यह कार्ययोजना और भी कठिन है। इस विषय पर पुनः चर्चा की अपेक्षा से परिचर्चा को विश्राम दिया गया।
सादर,
आशुतोष आङ्गिरस